Bhu aadhar card 2024: भारत में किसी भी व्यक्ति को पहचान के लिए जिस प्रकार आधार कार्ड होता ठीक उसी प्रकार जमीन की पहचान के लिए भू आधार कार्ड होता है | भू आधार कार्ड की घोषणा हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सितरण ने 2024 के बजट में की है | भू आधार कार्ड जारी करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा भूमि के आधिकारिक रिकॉर्ड के नवीनीकरण और सरलीकरण के लिए digital इण्डिया भू अभिलेख आधुनिकरण कार्यक्रम शुरू किया गया है | इस भू आधार कार्ड के बारे में सुनकर किसानो में एक प्रकार की ख़ुशी की लहर छा गई है | इस कार्ड के माध्यम से किसनो को कही लाभ सरकार के डायरेक्ट मिले सकेंगे | आज इस लेख हम आपको बताएँगे की भू आधार कार्ड कैसे बनेगा, कहा बनेगा? इन सभी सवालो के जवाब के लिए इस आर्टिकल को पूरा पढना होगा |
भू आधार कार्ड क्या है ?
भू आधार कार्ड केंद्र सरकार द्वारा जारी किया जाता है | इस कार्ड मे कृषि भूमि का रिकॉर्ड होता है | इस कार्ड में जमीन मालिक का नाम,जमीन का रकबा, जमीन का एड्रेस तथा जमीन से जुडी सभी जानकारी उपलब्ध होती है | इस कार्ड की सहयता से कृषि भूमि की पहचान की जा सकती है | भूमि के पहचान के लिए 14 अंक के विशिष्ट नंबर दिए जाते है | इस अंक को अल्फ़ानुमेरिकविशिष्ट पहचान संख्या भी कहते है |
सबसे ख़ास बात यह है की इस भू आधार से भूमि मालिक का आधार कार्ड भी जोड़ा जाता है |जिससे योजना का लाभ आसानी से मिल सके और पात्र व्यक्ति हो ही मिल सके यह भी सुनिचित करना है |
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कार्ड की उपयोगिता
भू आधार कार्ड की काफ़ी ज्यदा उपयोगिता है क्योंकी एक कार्ड से कही सारी जानकारी एक साथ मिल जाती है | जैसे की आपको कुछ जानकारी निचे दी गई है |
- भूमि पर चल रहे ऋण |
- भूमि का प्रकार |
- भूमि की भोगोलिक स्थिति |
- भूमि मालिक की सभी जानकारी |
- प्राक्रतिक संसाधनों, खनिज, जल स्तर, आदि की जानकारी भी इस कार्ड से मिल जाती है |
- वर्तमान में इस भूमि पर जो भी सरकारी योजना का लाभ लिया जा रहा है उन सभी की जानकारी यहाँ से मिल जाती है |
भू आधार कार्ड योजना
इस योजन का शुभारम्भ केंद्र सरकार द्वारा किया गया है | केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2008 में राष्ट्रीय भूमि अभिलेख आधुनिकरण कार्यक्रम शुरू किया गया था जिसके द्वारा भूमि के अभिलेखो को सुरक्षित रखा जाता है और इसके साथ में भूमि को विशिष्ट संख्या प्रदान की जाती थी | इसके बाद वर्ष 2016 में इस योजना का नाविनिकरण किया गया और digital इण्डिया भूमि अभिलेख आधुनिकरण कार्यक्रम नाम दे दिया गया |
इस योजना के द्वारा भूमि का रिकॉर्ड digital माध्यम से सुरक्षित रखा जाता है तथा इसके साथ सभी जानकारी एक कार्ड में उपलब्ध करवाने के लिए भू आधार कार्ड बनवा दिया गया | इस कार्ड से माध्यम भूमि मालिक की जानकारी भी निकाली जा सकती है |
कार्ड के लाभ
- जमीन की पहचान- इस कार्ड में भूमि से सम्बंधित सभी जानकारी उपलब्ध होती है जैसे की जमीन का खसरा, जमाबंदी पंजी नकल, जमीन का स्प्ष्ट नाम आदि सभी जानकारी एक ही दस्तावेज में मिल जाएगी | इसके साथ ही में पंचायत समिति को भूमि के रेकॉड को बार- बार देखने की जरूरत नही पड़ेगी | इस कार्ड के 14 अंक के नंबर के माध्यम से सारी जानकारी एक साथ ही मिल जाएगी |
- लोन लेने में सुविधाजनक – भू आधार कार्ड से किसान और भूमि मालिक को लोन लेने तथा अन्य वित्तीय सेवाए प्राप्त करने में आसनी होगी |
- धोखाधड़ी में रोकधाम – भू आधार कार्ड के माध्यम से अवैध कब्ज़ा करने वालो पर कार्यवाही करने में मदद मिलेगी |
- सरकारी योजना का लाभ मिलने में आसानी – सही तथा सटीक जानकारी के साथ सरकार को योजना बनाने के लिए निति निर्माण में सरलता होगी | इसके द्वारा योजना का क्रियान्वयन जल्दी होगा और सभी जरुरतमंदो तक सरकार की योजनाओ का लाभ मिल सकेगा |
कार्ड कैसे और कहा बनवाए
- भू आधार कार्ड बनवाने के लिए आपको सबसे पहले अपने क्षेत्र के ग्राम पंचायत के कार्यालय या राजस्व विभाग के कार्यालय जाना होगा |
- कार्यालय में जाने के बाद आपको अधिकारी से आवेदन फॉर्म मांगना होगा |
- आवेदन फॉर्म प्राप्त करने के बाद उसमे पूछी गइ सभी जानकारी को भरना होगा |
- इसके बाद अपना आधार कार्ड तथा जमीन से जुड़े सभी दस्तावेजो को उस फॉर्म के साथ सलंग करना होगा |
- आवेदन फॉर्म भरन के बाद आपको कार्यालय में जमा करवा देना होगा |
- आवेदन फॉर्म जमा होने के बाद विभाग दस्तावेजो का सत्यापन करेगा उसके बाद ही आपका भू आधार कार्ड जारी किया जाएगा |